बाप ने बेटी को बेचा Dard Bhari kahani Episode 1

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Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani :

यह एक सच्ची कहानी जिसमे एक गरीब लड़की कि मां के खत्म होने के बाद उसका शराबी बाप उसे बेच रहा था फिर वो वहा से भाग के एक अमीर घर कि कामवाली बन गईं और वही उसको उसका सच्चा प्यार विनय मिल गया जो उसे जान से ज्यादा चाहने लगा आखिर कौन है यह विनय।कूड़ा चुन के खर्चा उठाने वाली लड़की जिसको उसके घर वालो ने भी धोखा दिया कैसे उसके जिंदगी में मोड़ आया और कैसे बदली उसकी जिंदगी।

Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani

आज नेहा बहुत उदास थी क्योंकि उसकी मां उसे दुसरे के घर रहने के लिए भेज रही थी।जिस घर में उसकी मां काम करती थी उनकी लड़की आज उसे अपने घर ले जा रही थी।नेहा से कहा मां में आपसे दूर कैसे रहूंगी अपने परिवार से दूर कैसे रहूंगी मेरा वहा जाने का मन नहीं में उन लोग को जानती भी नही की वो कैसे है मां मुझे उनके घर मत भेजो में नही जाना चाहती हु।

नेहा कि मां ने कहा तुम अपने घर का हाल जानती यहां तो तुम्हे पेट भर के खाना भी नहीं मिलता है।तुम वहा काम करोगी उसके पैसे तुम्हे मिलेगे और पेट  भर खाना भी।में उनकी लड़की को जानती हु वो भी अच्छी है तुम्हारा खयाल रखेगी। कूड़ा चुन के बेचने से अच्छा है किसी के घर काम करो।

लुबना आज अपने मायके से आज एक कामवाली ले जा रही थी वो भी थोड़ा परेशान थी क्या में सही कर रही एक अंजान लड़की को रखना कोई छोटी बात नही होती उसकी भी इज्जत का ख्याल अपने लड़की जैसे ही रखना होगा। लुबना के तीन बच्चे थे जिसमे से एक लड़की जिसका नाम माहिरा था एक बढ़ा बेटा जिसका नाम सैफ था एक छोटा बेटा जिसका नाम कैफ था। लुबना सोच रही थी कि नेहा अभी छोटी मेरे बच्चे भी अभी छोटे है कही यह सब मिलकर नेहा से लड़ाई  न करे। लुबना अपने भाभी से बोली भाभी क्या नेहा ठीक है ना अच्छे से रह लेगी ना तभी अंदर से एक आवाज आई अरे अब अपना सैफ इतना भी बुरा नही है।यह लुबना के भाई कि आवाज थी वो मजाक में बोले लुबना ऐसे गाबरा रही थी जैसे वो नौकरानी नही बहु ले जा रही हो 

नेहा अपना सारा कपड़ा पैक करके लुबना के साथ उसके ससुराल आ जाति है।लुबना उसके स्वागत में अच्छा अच्छा नाश्ता लगती है जिससे नेहा खुश हो जाए।नेहा इतनी इज्जत पाकर बहुत खुश हुई अब उसको यह पे पेट भर के खाना भी मिलता जिससे अब उसका मन लगने लगा था। नेहा घर में के कामों में लुबना कि मदद करती और बाहर से सामान लाती।

 कुछ महीने बीत गए नेहा अब हर चीज में लुबना के बच्चो कि बराबरी करती जिससे बच्चो में लड़ाई होने लगी थी। लुबना के बच्चे टीवी देखते उसके पसंद का चैनल न चलने पे वो रिमोट छुपा देती थी और ऐसी वो बहुत सी हरकत करती जिससे बच्चो में लड़ाई होती लुबना नेहा को प्यार करे यह बात पे बच्चे और गुस्सा हो जाते नौकरानी को इतना प्यार क्यो क्योंकि बच्चे अभी नादान थे इसलिए वो उससे लड़ते थे।

नेहा का होठ कटा था वो पैदा ही ऐसे हुई थी जिससे वो बहुत गंदी लगती थीं।नेहा के गरीब होने के वजह से लुबना के मोहल्ले वाले भी उसे मानते थे।जब माहिरा और लुबना समान लेने साथ जाति वो लोग नेहा को खाने का ज्यादा समान देते क्योंकि सब नेहा पे तरस खाते  माहिरा को इतना ही जितना वो पैसे दी है इस बात से माहिरा नेहा से बहुत जलती थी।

एक दिन लुबना को अपने ससुराल जाना था लुबना अपने पति बच्चो और एक देवर के साथ दिल्ली में रहती थी पर उसका ससुराल गांव में था जहा उसकी सास रहती थी।सब सामान पैक हो रहा था तभी नेहा रोने लगीं लुबना रो क्यों रही हो।

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नेहा अप्पी में घर नही जाना चाहती मुझे वहा कि भूख याद आ रही है घर कि गरीबी याद आ रहि है इतने दिन से आप मुझे पेट भर के ताजा खाना खिलाती है मुझे इसकी आदत हो गई है में अब वहा कैसे रहूंगी।

लुबना नेहा तुमको में पैसे देकर जा रही हु जिससे तुम खा लेना में जल्दी ही अपने ससुराल से आ जाऊंगी।यह कहते लुबना ने अपने पति के साथ नेहा को उसके घर भेज दिया।

10 दिन के बाद लुबना दिल्ली वापस आ गई नेहा भी अब लुबना के वापस आ गईं लुबना के बच्चो का एग्जाम होता नेहा बच्चो से लड़ती उन्हें परेशान करती इसलिए लुबना नेहा को पढ़ाती भी थी एक साल बीत गए नेहा को एक साल के लिए गांव जाना था अपने ससुराल

लुबना नेहा से अब तुम अपने घर जाओ में गांव जा रही हु और तुम्हारी अम्मी मेरे गांव नही जाने देगी।

नेहा लुबना से अप्पी मुझे अपने साथ ले चलो

लुबना नेहा से कहती है कि मेरा गांव वाला घर बहुत बढ़ा है तुम वहा का काम नही कर पाओगी और मेरी सास भी है। हो सकता है मेरी सास तुम्हे न पसंद करे।

नेहा लुबना से कहती है मैं सब काम कर लूंगी पर भूखी नही रह सकती और आपके जैसे अच्छा घर मुझे नही मिलेगा और फिर से मुझे कूड़ा बेच के पैसे कमाना होगा और आप जानती होगी भोर मैं कूड़ा बिनना एक लड़की के लिए सेव नही हैं

नेहा ने कहा अप्पी मुझे अब बस आपके साथ ही रहना है मैं अपने घर में अब भूखी नही रह सकती।मैं अपने अम्मी से बात करुगी नेहा से अपने अम्मी को मना के लुबना के ससुराल उनके गांव चली गईं।

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गांव वालो के लिए नेहा नई लड़की थी वो भी उसका होठ कटा सब बढ़े अजीब नजर से उसको देखते लुबना कि सास नेहा को पसंद नही करती क्युकी नेहा उनकी मायके कि कामवाली है। गांव वाले नेहा को मानने लगे खाना भी खिला देते थे कपड़ा और पैसे भी देते थे।रिस्तेदारो का प्यार नेहा के लिए देखकर माहिरा उससे और जलने लगी।सब माहिरा का मजाक उड़ाते नेहा जैसे माहिरा कि सौतन हो।अब नेहा का मन गांव में लगने लगा था अब वो खुश रहती थीं।पूरे घर में बस दादी और माहिरा ही थी जो उसे नही देख सकती थी।

1 साल के बाद

Episode 2: नेहा कि किस्मत चमक गई

Episode 1: बाप ने बेटी को बेचा

Episode 2: बाप ने बेटी को बेचा

Episode 3: बाप ने बेटी को बेचा 

Episode 4 : बाप ने बेटी को बेचा












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